शिक्षण का अर्थ एवं प्रकृति | UPTET & CTET 2026 CDP QUESTION & ANSWER | बालविकास के प्रश्नोत्तर
भाग 1: शिक्षण का अर्थ एवं प्रकृति (Meaning & Nature of Teaching)
बालविकास के महत्वपूर्ण प्रश्न
1. प्रश्न: शिक्षण की प्रक्रिया में शिक्षक और शिक्षार्थी के अलावा तीसरा ध्रुव (Pole) क्या है?
उत्तर: पाठ्यक्रम (Curriculum) या विषय-वस्तु।
व्याख्या: जॉन डीवी (John Dewey) ने शिक्षण को शिक्षक, शिक्षार्थी और पाठ्यक्रम के बीच की त्रि-ध्रुवीय प्रक्रिया माना है, जहाँ पाठ्यक्रम एक आवश्यक मध्यस्थ घटक है।
2. प्रश्न: शिक्षण की वह अवधारणा जिसमें शिक्षा केवल विद्यालय की चार दीवारी तक सीमित होती है, कहलाती है?
उत्तर: संकुचित अर्थ (Narrow Meaning)।
व्याख्या: शिक्षण का संकुचित अर्थ औपचारिक शिक्षा (Formal Education) पर केंद्रित है, जो एक निश्चित स्थान, निश्चित अवधि और निश्चित पाठ्यक्रम के अनुसार चलती है।
3. प्रश्न: द्वि-ध्रुवीय (Bi-polar) शिक्षण प्रक्रिया के समर्थक कौन थे?
उत्तर: एडम्स (Adams)।
व्याख्या: एडम्स का मानना था कि शिक्षण केवल शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच होने वाली अंतःक्रिया है, जो दो मुख्य ध्रुवों पर केंद्रित होती है।
4. प्रश्न: क्या शिक्षण एक सतत (Continuous) प्रक्रिया है?
उत्तर: हाँ।
व्याख्या: शिक्षण एक निरंतर चलने वाली सामाजिक और विकासात्मक प्रक्रिया है जो जीवन के विभिन्न चरणों में विभिन्न माध्यमों से चलती रहती है।
5. प्रश्न: क्या शिक्षण कला है, विज्ञान है, या दोनों?
उत्तर: कला और विज्ञान दोनों (Art and Science Both)।
व्याख्या: शिक्षण में व्यवस्थित ज्ञान और सिद्धांतों का प्रयोग होता है (विज्ञान), और साथ ही शिक्षक को अपनी रचनात्मकता तथा व्यक्तिगत कौशल का उपयोग करना होता है (कला)।
6. प्रश्न: शिक्षण को अंतःक्रियात्मक (Interactive) प्रक्रिया क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि इसमें शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच विचारों का आदान-प्रदान होता है।
व्याख्या: शिक्षण एक सक्रिय प्रक्रिया है जहाँ शिक्षक सूचना देता है और शिक्षार्थी प्रतिक्रिया (Feedback) देते हुए अधिगम करता है।
7. प्रश्न: शिक्षण का व्यापक अर्थ क्या इंगित करता है?
उत्तर: जीवन भर चलने वाली औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की शिक्षा।
व्याख्या: व्यापक अर्थ में, शिक्षण वह सब कुछ है जो एक व्यक्ति अपने पूरे जीवन में वातावरण और अनुभवों से सीखता है।
8. प्रश्न: वह प्रक्रिया जो सीखने को प्रेरित और मार्गदर्शित करती है, क्या कहलाती है?
उत्तर: शिक्षण (Teaching)।
व्याख्या: शिक्षण का मुख्य कार्य अधिगम (Learning) को सुगम (Facilitate) बनाना और उसे सही दिशा देना है।
9. प्रश्न: शिक्षण एक उद्देश्य-केंद्रित (Goal-oriented) प्रक्रिया है, इसका अर्थ क्या है?
उत्तर: शिक्षण हमेशा किसी वांछित परिणाम या लक्ष्य (जैसे व्यवहार परिवर्तन) को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
व्याख्या: हर शिक्षण कार्य के पीछे एक स्पष्ट लक्ष्य होता है; लक्ष्य के बिना शिक्षण दिशाहीन हो जाता है।
10. प्रश्न: शिक्षण की प्रकृति कैसी होनी चाहिए?
उत्तर: लोकतांत्रिक (Democratic) एवं सहानुभूतिपूर्ण।
व्याख्या: लोकतांत्रिक शिक्षण में छात्र-शिक्षक मिलकर निर्णय लेते हैं और एक-दूसरे के प्रति सम्मान तथा सहानुभूति रखते हैं, जो बाल-केंद्रित शिक्षा का आधार है।
भाग 2: शिक्षण के उद्देश्य (Objectives of Teaching)
11. प्रश्न: शिक्षण का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर: बालक के व्यवहार में वांछनीय परिवर्तन लाना।
व्याख्या: शिक्षण का अंतिम लक्ष्य छात्र के आचरण, ज्ञान और कौशल में सकारात्मक बदलाव लाना होता है।
12. प्रश्न: शिक्षण का सबसे उच्च उद्देश्य (Ultimate Goal) क्या है?
उत्तर: बालक का सर्वांगीण विकास (All-round Development)।
व्याख्या: सर्वांगीण विकास में बालक का शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक, और संवेगात्मक विकास शामिल है।
13. प्रश्न: भावात्मक पक्ष (Affective Domain) के उद्देश्यों का संबंध किससे है?
उत्तर: रुचियों (Interests), मूल्यों (Values) और अभिवृत्तियों (Attitudes) से।
व्याख्या: ये उद्देश्य बालक के हृदय (Heart) से जुड़े हैं और उसके भावनात्मक विकास को दर्शाते हैं।
14. प्रश्न: मनोगत्यात्मक/क्रियात्मक पक्ष (Psychomotor Domain) का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: कौशलों (Skills) एवं क्रियात्मक क्षमताओं का विकास (जैसे लिखना, चित्र बनाना, प्रयोग करना)।
व्याख्या: ये उद्देश्य बालक के हाथ (Hand) से जुड़े हैं और उसकी शारीरिक क्रियाओं तथा समन्वय को विकसित करते हैं।
15. प्रश्न: संज्ञानात्मक पक्ष (Cognitive Domain) का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: ज्ञान (Knowledge), समझ (Understanding) और बोध (Comprehension) का विकास।
व्याख्या: ये उद्देश्य बालक के मस्तिष्क (Head) से जुड़े हैं और उसकी बौद्धिक क्षमताओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
16. प्रश्न: आधुनिक शिक्षा में शिक्षक की भूमिका मुख्य रूप से क्या है?
उत्तर: सुविधादाता (Facilitator) या मार्गदर्शक (Guide)।
व्याख्या: शिक्षक का कार्य छात्रों को सीखने के लिए अनुकूल वातावरण और संसाधन उपलब्ध कराना है, न कि केवल ज्ञान का प्रदाता बनना।
17. प्रश्न: 'समस्या-समाधान' (Problem-Solving) की क्षमता का विकास करना शिक्षण के किस उद्देश्य के अंतर्गत आता है?
उत्तर: संज्ञानात्मक पक्ष (Cognitive Domain)।
व्याख्या: समस्या-समाधान एक उच्च-स्तरीय मानसिक प्रक्रिया है जिसमें ज्ञान और तर्क का उपयोग किया जाता है।
18. प्रश्न: शिक्षण का एक उद्देश्य छात्रों को 'आजीवन सीखने वाला' (Life-long Learner) बनाना क्यों है?
उत्तर: ताकि वे स्व-अध्ययन और ज्ञान का निरंतर सृजन कर सकें।
व्याख्या: यह छात्रों को बदलते समय के साथ अनुकूलन (Adaptation) करने और ज्ञान की खोज जारी रखने के लिए तैयार करता है।
19. प्रश्न: शिक्षण का वह उद्देश्य जो बालक को समाज में समायोजन (Adjustment) करने में मदद करता है?
उत्तर: सामाजिक उद्देश्य।
व्याख्या: यह उद्देश्य बालक में सामाजिक मूल्यों, सहयोग, सहिष्णुता और समूह में कार्य करने जैसे सामाजिक कौशलों का विकास करता है।
20. प्रश्न: ब्लूम (Bloom) के वर्गीकरण (Taxonomy) के अनुसार, उद्देश्यों का उच्चतम स्तर क्या है?
उत्तर: मूल्यांकन (Evaluation) या सृजन (Creation)।
व्याख्या: 1956 के मूल वर्गीकरण में 'मूल्यांकन' उच्चतम था, जबकि 2001 के संशोधित वर्गीकरण में 'सृजन' (Creation) को उच्चतम स्तर पर रखा गया है।
21. प्रश्न: "शिक्षण एक संबंध है जो शिक्षार्थी को अपनी शक्तियों को विकसित करने में मदद करता है।" यह कथन शिक्षण के किस पहलू पर जोर देता है?
उत्तर: विकासात्मक उद्देश्य (Developmental Objective)।
व्याख्या: यह कथन शिक्षण की सहायताकारी और प्रगतिशील प्रकृति को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य बालक की आंतरिक क्षमता (Potential) को बाहर लाना है।
22. प्रश्न: यदि शिक्षक कक्षा में प्रश्न पूछने पर जोर दे रहा है, तो वह किस उद्देश्य को प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है?
उत्तर: चिंतन कौशल (Thinking Skills) और जिज्ञासा (Curiosity) का विकास।
व्याख्या: प्रश्न पूछना छात्रों को निष्क्रिय श्रोता के बजाय सक्रिय चिन्तक बनाता है और संज्ञानात्मक प्रक्रिया को उत्तेजित करता है।
23. प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा उद्देश्य शिक्षण द्वारा प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त नहीं होता है?
उत्तर: वंशानुगत गुणों में परिवर्तन।
व्याख्या: शिक्षण से केवल व्यवहार (अधिगम) में परिवर्तन आता है। आनुवंशिकी (Heredity) को सीधे तौर पर शिक्षण या वातावरण से बदला नहीं जा सकता।
24. प्रश्न: "शिक्षा बच्चे के लिए है, बच्चा शिक्षा के लिए नहीं।" यह कथन शिक्षण के किस स्वरूप को दर्शाता है?
उत्तर: बाल-केंद्रित शिक्षण (Child-Centered Teaching)।
व्याख्या: यह आधुनिक शिक्षा का मूल सिद्धांत है, जहाँ शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया बच्चे की आवश्यकताओं, क्षमताओं, और रुचियों के अनुसार ढाल ली जाती है।
25. प्रश्न: प्रभावी शिक्षण के लिए शिक्षक को क्या करना चाहिए?
उत्तर: शिक्षण को 'निदान' (Diagnostic) और 'उपचारात्मक' (Remedial) बनाना चाहिए।
व्याख्या: पहले छात्रों की सीखने की कठिनाई पहचानना (निदान) और फिर उन कठिनाइयों को दूर करने के लिए आवश्यक उपाय करना (उपचार) ही प्रभावी शिक्षण की कुंजी है।
26. प्रश्न: शिक्षण तभी सफल माना जाता है जब वह:
उत्तर: छात्रों की आवश्यकताओं और अभिप्रेरणा (Motivation) पर आधारित हो।
व्याख्या: जब छात्र सीखने के लिए आंतरिक रूप से प्रेरित होते हैं, तो अधिगम सार्थक, स्थायी और सफल होता है।
27. प्रश्न: शिक्षण की वह विशेषता जो इसे 'प्रशिक्षण' (Training) से अलग करती है?
उत्तर: शिक्षण अधिक लचीला (Flexible) और व्यापक होता है।
व्याख्या: प्रशिक्षण किसी विशिष्ट कौशल या कार्य तक सीमित होता है, जबकि शिक्षण अधिक व्यापक, जीवन-पर्यन्त चलने वाला और विभिन्न संदर्भों में लागू होने वाला होता है।
28. प्रश्न: शिक्षण की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा (Motivation) का क्या महत्व है?
उत्तर: यह सीखने की इच्छा को बढ़ाता है और अधिगम को स्थायी बनाता है।
व्याख्या: अभिप्रेरणा छात्रों को कक्षा में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करती है, इसे शिक्षण का 'हृदय' माना जाता है।
29. प्रश्न: शिक्षण के संदर्भ में 'अधिगम' (Learning) का क्या अर्थ है?
उत्तर: व्यवहार में अपेक्षाकृत स्थायी परिवर्तन।
व्याख्या: शिक्षण एक प्रक्रिया है जिसका अंतिम परिणाम अधिगम (अर्थात् व्यवहार में परिवर्तन) होता है।
30. प्रश्न: शिक्षक की सबसे बड़ी सफलता किसमें निहित है?
उत्तर: छात्रों को प्रभावी ढंग से सीखने में मदद करना और उनका सर्वांगीण विकास करना।
व्याख्या: शिक्षक की सफलता को केवल परीक्षा परिणामों से नहीं, बल्कि इस बात से मापा जाता है कि छात्र अपने जीवन में कितने सफल और समायोजित होते हैं।

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